आज के पोस्ट में हम मध्य प्रदेश के सभी 52 जिलों के बारे में जानेंगे, प्रत्येक जिले को पॉइंट वाइस जानकारी दी जा रही है जिससे आपको याद रखने में आसानी होगी ताकि इस जिले विशेष से सम्बंधित आने वाले किसी भी सवाल के सटीक जवाब आप दे सके।
Information on 52 Districts of Madhya Pradesh in Hindi
इस लेख में हमारे द्वारा मध्य प्रदेश के जिलों की सूची बारे में जानकारियाँ दी जाएगी, अगर आप इनमे से जिस भी जिले में निवास करते हैं और उस जिले विशेष की कोई और भी ऐसी जानकारियाँ या विशेषताएं हों जो इस पोस्ट में नहीं बताई गई हो तो आप उस विशेष जानकारी को कमेन्ट में लिख कर हमें भेजें ताकि हम उसे इस पोस्ट में शामिल कर सकेंगे।
मध्य प्रदेश भारत के मध्य में स्थित एक राज्य है जिसकी स्थापना 1 नवंबर 1956 को हुई थी। छत्तीसगढ़ राज्य से अलग होने से पहले, यह भारत का सबसे बड़ा राज्य था। मध्य प्रदेश में वर्तमान में कुल 52 जिले हैं जो 10 संभागों में विभाजित है।
मध्य प्रदेश के संभाग एवं जिले की सूची
संभाग | जिले |
भोपाल | भोपाल, विदिशा, रायसेन, सीहोर, राजगढ़ |
जबलपुर | जबलपुर, कटनी, नरसिंगपुर, छिंदवाड़ा, सिवनी, मंडला, बालाघाट, डिंडोरी |
इंदौर | इंदौर, धार, अलीराजपुर, झाबुआ, खरगौन (पश्चिमी निमाड़ ), खंडवा (पूर्वी निमाड़ ), बड़वानी, बुरहानपुर |
ग्वालियर | ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोक नगर, दतिया |
सागर | सागर, दमोह, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ, निवाड़ी |
उज्जैन | उज्जैन, देवास, रतलाम, शाजापुर, आगर-मालवा, मंदसौर, नीमच |
शहडोल | शहडोल, उमरिया, अनूपपुर |
चंबल | श्योपुर, मुरैना, भिंड |
रीवा | रीवा, सीधी, सतना, सिंगरौली |
नर्मदापुरम (होशंगाबाद ) | होशंगाबाद, बैतूल, हरदा |
भोपाल
- मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल झीलों एवं पहाड़ियों से घिरा हुआ है। इस कारण इसे ‘झीलों और पहाड़ों का शहर’ भी कहा जाता है। यह शहर पाँच पहाड़ियों पर बसा है, जिनके नाम है – ईदगाह हिल्स, अरेरा हिल्स, श्यामला हिल्स, कटारा हिल्स, द्रोणाचल नेवरी हिल्स
- यहाँ राष्ट्रीय न्यायिक अकादमी, वल्लभ भवन, इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेस्ट मैनेजमेंट (भारतीय वन प्रबंधन संस्थान-IIFM) इत्यादि स्थित हैं।
- भोपाल की स्थापना 11वीं शताब्दी में परमार राजा भोज ने की थी। उस समय इसे भोजपाल नाम दिया गया था।
- वर्तमान भोपाल की स्थापना अफगान योद्धा दोस्त मोहम्मद खान ने 1720 में की थी।
- 2006 में प्रथम राष्ट्रीय सैलिंग (नौकायन) स्कूल की शुरुआत भोपाल की बड़ी झील में की गई।
- देश की पहली आपदा प्रबंधन संस्थान यहीं पर स्थित है।
- भोपाल में इसरो का उपग्रह केंद्र है।
- भारतीय खेल प्राधिकरण का क्षेत्रीय कार्यालय भोपाल में ही स्थित है।
- ऐशबाग स्टेडियम यहीं पर है।
- 1985 में इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मानव संग्रहालय भोपाल में है इसकी स्थापना की गई।
- 2-3 दिसंबर, 1984 के दौरान मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में एक भीषण औद्योगिक त्रासदी हुई थी जिसमें हज़ारों लोगों की जान गई। यह दुर्घटना यूनियन कार्बाइड कारखाने में जहरीली गैस मिथाइल आइसो साइनेट के रिसने के कारण हुई थी। बाद में इस कारखाने में बची हुई गैस को समाप्त करने के लिये ‘ऑपरेशन फेथ’ चलाया था।
- यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल – नवाब हसन सिद्दीकी का मकबरा, वन विहार राष्ट्रीय उद्यान, (भारत की सर्वाधिक बैठक क्षमता वाली मस्जिद), सबसे छोटी मस्जिद ढाई सीढ़ी, आकार गुड़िया घर, इस्लाम नगर का गौहर महल, ताजुल मस्जिद किला, कमला पार्क, बिड़ला मंदिर, मछली पर सामसगढ़ (जैनतीर्थ)।
विदिशा
- इसके प्राचीन नाम भेलसा व बेसनगर थे।
- बेसनगर में गरुड़ स्तंभ अभिलेख, उदयगिरि की गुफाएँ (जहाँ विष्णु के वराह अवतार की प्रतिमा है) विदिशा में ही स्थित हैं।
- विदिशा की हलाली नदी पर सम्राट अशोक सागर बहुउद्देशीय सिंचाई परियोजना का निर्माण किया गया है।
- यहीं पर सिंध व सिरोंज नदी का उद्गम स्रोत है।
- बसोदा के उदयपुर का नीलकंठेश्वर मंदिर, परमार वंश कालीन है।
- जैन तीर्थंकर शीतलनाथ की जन्मस्थली विदिशा है।
- औरंगजेब के काल में विदिशा का नाम आलमगिरी नगर रखने की कोशिश की गई थी।
सीहोर
- सीहोर में मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा सहकारी शक्कर कारखाना था तथा ‘बुधनी’ में रेलवे स्लीपर का कारखाना है।
- सीहोर के दशहरा मैदान में कुँवर चैन सिंह की छतरी है जो 24 जून, 1824 को नरसिंहगढ़ के युवराज कुँवर चैन सिंह और अंग्रेज़ एजेंट मेडॉक के मध्य हुए भीषण युद्ध से जुड़ी हुई है।
- सारू-मारू की गुफाएँ यहीं स्थित हैं। गुफा के पास ही सम्राट अशोक का पाँचवां शिलालेख है तथा यहीं पर बौद्ध स्तूपों तथा शैल चित्रों से समृद्ध एक बौद्ध विहार भी है।
- यहाँ विक्रमादित्य कालीन चिंतामन गणेश मंदिर स्थित है।
- नदियाँ: आष्टा तहसील से पार्वती नदी, कोलार नदी का उद्गम एवं कोलार जलाशय परियोजना।
- देश का पहला आवासीय खेल विद्यालय।
रायसेन
- विश्व प्रसिद्ध साँधी का स्तूप एवं भीमबेटका की गुफा, बादल महल, इत्रदार महल यहीं स्थित है।
- प्रमुख औद्योगिक केंद्र मंडीदीप इसी जिले में हैं।
- मंडीदीप (रायसेन) में देश का पहला ऑप्टिकल फाइबर कारखाना स्थित है।
- बेतवा नदी का उद्गम रायसेन के कुमरागाँव से होता है।
- यहाँ पर हिंदुस्तान इलेक्ट्रो ग्रेफाइट फैक्ट्री (एशिया की सबसे बड़ी फैक्ट्री) है।
- अभयारण्यः रातापानी (प्रोजेक्ट टाइगर के तहत शामिल)।
राजगढ़
- राजगढ़ जिला मालवा के पठार के उत्तरी भाग में स्थित है। इस जिले का गठन मध्य भारत के गठन के बाद 1948 में हुआ।।
- राजगढ़ उमठ राजपूतों और परमार वंश के द्वारा शासित राज्य था, जिसकी पहली राजधानी दुपारिया थी जो अब शाजापुर जिले में है।
- जिले में स्थित नरसिंहगढ़ वन्यजीव अभयारण्य के भीतर बड़ी संख्या में प्राकृतिक शैलाश्रय मिलते हैं, जिनमें सफेद और लाग रंग के भित्ति चित्र बने हुए हैं।
- इस अभयारण्य का मुख्य आकर्षण का केंद्र ‘चिड़ोखों झील’ है, जिसका निर्माण नरसिंहगढ़ के राजा विक्रमसिंह ने करवाया था।
- जिले में ब्यावरा सुठालिया के बीच पशुपतिनाथ का प्रसिद्ध मंदिर है तथा व्यावरा में अजनार नदी के किनारे 700 साल पुरानी चतुर्भुजनाथ मंदिर और 400 साल पुरानी रघुनाथ जी का मंदिर है।
- गिन्नौरगढ़ का किला, नरसिंहगढ़ वन्यजीव अभयारण्य यहीं स्थित हैं।
- कालीसिंध, अजनार, पार्वती, नेवज, गड़गंगा इत्यादि नदियाँ यहीं से प्रवाहित होती हैं।
- राजगढ़ के प्रमुख पर्यटन स्थलः नरसिंहगढ़ का किला, श्यामजी साँका मंदिर, जालपा माता मंदिर, चिड़ीखों झील, खोयरी महादेव मंदिर, दरगाह शरीफ इत्यादि ।
- राजगढ़ देश का पहला ऐसा जिला है, जिसने पृथक् मानव विकास रिपोर्ट प्रस्तुत की है।
जबलपुर
- जबलपुर जिले का पुनर्गठन 1998 में किया गया। यह जिला संगमरमर नगरी के नाम से विख्यात है। वास्तव में जबलपुर। के समीप भेड़ाघाट में संगमरमर की चट्टानों का विशाल समूह है, जिनका व्यावसायिक तौर पर उपयोग किया जाता है।
- भेड़ाघाट में ही नर्मदा नदी द्वारा निर्मित धुआँधार जल-प्रपात भी स्थित है।
- यह त्रिपुरी और महाकौशल के नाम से प्रसिद्ध है। इसे मध्य प्रदेश की ‘संस्कार राजधानी’ अथवा संस्कारधानी भी कहा जाता है।
- त्रिपुरी ऐतिहासिक नगरी है, जो कल्चुरियों की राजधानी थी तथा 1939 में यहाँ कॉन्ग्रेस अधिवेशन हुआ था।
- जबलपुर में एक पहाड़ी पर मदन महल स्थित है, जो लगभग 1100 ई. में राजा मदन सिंह द्वारा बनवाया गया एक पुराना
- गोंड महल है। इसके ठीक पश्चिम में गढ़ है, जो 14वीं शताब्दी के चार स्वतंत्र गोंड राज्यों का प्रमुख नगर था।
- भारतीय वन अनुसंधान संस्थान का क्षेत्रीय कार्यालय एवं देश का पहला रत्न परिष्करण केंद्र जबलपुर में ही स्थित है।
- मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय की मुख्यपीठ जबलपुर में है।
- हैवी व्हीकल कारखाना, गन कैरेज फैक्टरी व ऑर्डनेंस फैक्टरी, पोस्ट एंड टेलीग्राफ वर्कशॉप यहीं पर स्थित है।
- यहीं पर स्थित बरगी नदी पर रानी अवंतिबाई जल विद्युत परियोजना का निर्माण किया गया है।
- जबलपुर के बरेला कस्बा में दुर्गावती समाधि है।
- महात्मा गांधी सामुदायिक विकास प्रशिक्षण केंद्र।
- मध्य प्रदेश का प्रथम कृषि विश्वविद्यालय-1964 (जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय)
- मध्य प्रदेश का सबसे साक्षर जिला 81.1 प्रतिशत (जनगणना 2011 के अनुसार)।
- देश का प्रथम विकलांग पुनर्वास केंद्र।
- मध्य प्रदेश का द्वितीय पशु चिकित्सा महाविद्यालय ।
- पश्चिम मध्य रेलवे मुख्यालय- जबलपुर, जिसकी स्थापना 1 अप्रैल, 2003 को की गई।
- कृषि अभियांत्रिकी महाविद्यालय, जबलपुर में है।
- जबलपुर बीड़ी उद्योग का महत्त्वपूर्ण केंद्र है।
कटनी
- कटनी (जिसे मुड़वारा के रूप में भी जाना जाता है) मध्य प्रदेश में कटनी नदी के तट पर स्थित एक शहर है।
- कटनी जिले में चूना, बॉक्साइट और अन्य कई महत्त्वपूर्ण खनिज बहुतायत मात्रा में पाए जाते हैं।
- बहोरीबंद में कई प्रसिद्ध स्मारक हैं जिनमें 12 फीट ऊँची जैन तीर्थकर शांतिनाथ की मूर्ति प्रमुख है। स्टोन पार्क बनने के बाद बहोरीबंद ने अधिक महत्त्व और प्रसिद्धि प्राप्त की है।
- तिगवां में आल्हा और ऊदल ने माधोगढ़ के राजा के साथ लड़ाई लड़ी थी। यहाँ एक 1500 वर्ष पुराना मंदिर देखा जा सकता है जिसकी छत सपाट है। यहाँ नरसिंह भगवान की एक मूर्ति है और दीवार के दूसरी तरफ जैन तीर्थंकर पार्श्वनाथ की प्रतिमा है।
- कटनी से 33 किमी. दूरी पर राजा प्रयागदास द्वारा एक नए शहर का निर्माण किया गया। इसे विजयराघवगढ़ के नाम से जाना जाता है।
- राजा प्रयासगदास द्वारा भगवान विजयराघव के एक भव्य मंदिर और किले का निर्माण करवाया गया और किले को विजयराघवगढ़ के रूप में नामित किया गया।
- इसके दूसरी ओर एक अन्य सुंदर इमारत है जिसे ‘रंगमहल’ के नाम से जाना जाता है। यह कटनी जिले का सबसे सुंदर किला है।
- इस शहर का पुराना नाम पहुंपावती/पुष्पावती नगर आदि था। यहाँ कई धार्मिक शिलालेख पाए गए हैं, जिनमें विभिन्न मंदिरों का उल्लेख किया गया है। इन मंदिरों में से अब केवल भगवान वाराह (विष्णु) का मंदिर ही शेष है।
- बिलहरी के पान (ताम्बूल) अत्यंत प्रसिद्ध हैं, जिनका उल्लेख अबुल फाजल के ग्रंथ आईने अकबरी में किया गया है।
नरसिंगपुर
- एक जाट सरदार द्वारा विशाल नरसिंह मंदिर निर्माण करवाने के कारण इस जिले का नाम नरसिंहपुर रखा गया।
- नरसिंहपुर जिले में नर्मदा नदी के तट पर बरमान घाट स्थित है। यहाँ पर नर्मदा नदी सात धाराओं में बहती है।
- यह हिंदी भाषी क्षेत्र का पहला पूर्णतः साक्षर जिला है।
- चौरगढ़ का किला तथा झोटेश्वर (परमहंसी गंगा आश्रम) आश्रम यहीं पर स्थित है।
- यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल : डमरूघाटी (विशाल शिवलिंग के भीतर लघुशिवलिंग), नरसिंहपुर का किला, बरमान घाट, नर्मदा तट पर उपस्थित ब्रह्मा जी की यज्ञशाला, रानी दुर्गावती मंदिर, हाथी दरवाजा, वराह मूर्ति यहीं पर स्थिति है।
छिंदवाड़ा
- क्षेत्रफल की दृष्टि से यह मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है।
- एग्रो कॉम्पलेक्स, हिंदुस्तान लीवर लिमिटेड, देश का पहला मसाला पार्क, बोरगाँव-खाद्य पार्क, बादल भोई आदिवासी म्यूजियम यहीं अवस्थित हैं।
- कान्हन, पेंच, जाम, शक्कर व दूधी आदि नदियाँ इस जिले से प्रवाहित होती हैं।
- छिंदवाड़ा के नगरवाड़ी में अनेक गुफाएँ मौजूद हैं।
- आदिवासी कला संग्रहालय, छिंदवाड़ा में स्थित है।
- यहाँ की तामिया तहसील के सुदूर वन क्षेत्र में स्थित पाताल कोट भारिया जनजाति का निवास स्थान है।
- यहाँ कोरकू जनजाति भी पाई जाती है।
- पांढुर्ना में जाम नदी के तट पर विश्व प्रसिद्ध गोटमार मेले का आयोजन प्रतिवर्ष होता है।
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान का कुछ भाग इस जिले में है।
- सल्फर युक्त गर्म पहाड़ी झरना यहीं पर स्थित है।
सिवनी
- इसका सिवनी नाम ‘सेवन’ नामक वृक्ष के बहुतायत में पाए जाने के कारण पड़ा।
- सिवनी के मुंडारा क्षेत्र में बेनगंगा नदी का उद्गम स्थल है।
- यहाँ पर स्थित पेंच राष्ट्रीय उद्यान में मोगली लैंड बनाया गया है, इसका नाम प्रियदर्शनी पार्क है। उद्यान के बीचों-बीच पेंच नदी बहती है।
- पेंच राष्ट्रीय उद्यान क्षेत्र में ही दुरिया ग्राम बसा है। भारतीय राष्ट्रीय आंदोलन के नमक सत्याग्रह के दौरान खवासा के मूका लोहार और उनके साथियों ने 1931 में अंग्रेजी शासन के कानून के खिलाफ जाकर वन में घास काटकर जंगल सत्याग्रह की शुरुआत की थी।
- भीमगढ़ बांध सिवनी ज़िले में है। बेनगंगा नदी पर एशिया का सबसे बड़ा कीचड़ (मिट्टी) बांध बना है। इसका नाम संजय सरोवर है।
मंडला
- इस जिले में अधिकतम जनसंख्या गोंड जनजाति की है।
- मंडला का दुर्ग, मोती महल व बधेलिन महल यहीं स्थित हैं।
- थावर परियोजना यहीं स्थित है।
- प्रदेश का प्रथम व सबसे बड़ा राष्ट्रीय उद्यान ‘कान्हा किसली’ मंडला जिले में ही स्थित है।
- केन अभयारण्य यहीं स्थित है।
- यह ज़िला नर्मदा नदी से घिरा हुआ है तथा इसे ‘नदियों का द्वीप’ भी कहा जाता है।
- मंडला जिले की रामनगर तहसील पहले गोंड राजाओं की राजधानी थी।
- स्वतंत्रता सेनानी रानी अवंतिबाई यहीं की थीं।
डिंडोरी
- डिंडोरी जिला नर्मदा नदी के किनारे बसा है। 1998 में इसे मंडला जिले से अलग करके बनाया गया था।
- इस जिले में जीवाश्म राष्ट्रीय उद्यान घुधवा स्थित है।
- प्रदेश में सबसे कम जनसंख्या घनत्व (94 व्यक्ति प्रति वर्ग किमी.) वाला जिला है।
- सर्वाधिक ग्रामीण जनसंख्या प्रतिशत वाला जिला ।
- न्यूनतम सिंचित जिला ।
- छत्तीसगढ़ राज्य से सटा हुआ पूर्वी जिला
बालाघाट
- प्रदेश का यह जिला महाराष्ट्र व छत्तीसगढ़ से सीमा बनाता है।
- वैनगंगा घाटी तथा सतपुड़ा पर्वत के मध्य बालाघाट स्थित है।
- प्रदेश का यह जिला सर्वाधिक खनिज संपन्न क्षेत्र है। बालाघाट जिला तांबा व मैंगनीज के लिये प्रसिद्ध है।
- बालाघाट का मलाजखंड क्षेत्र तांबे की खदानों के लिये प्रसिद्ध है।
- मध्य प्रदेश का सर्वाधिक लिंगानुपात वाला जिला (1000:1021) बालाघाट ही है।
- लांजी का प्रसिद्ध किला, जिसे कल्चुरि वंश के शासकों ने बनवाया यहीं स्थित है।
- हट्टा नामक ऐतिहासिक स्थल जो बावड़ी व मंदिर के लिये प्रसिद्ध है यहीं पर स्थित है।
- बालाघाट को मैंगनीज नगरी कहा जाता है तथा जिले के भरवेली क्षेत्र में एशिया की सबसे बड़ी भूमिगत तथा खुले मुँह की मैंगनीज खदान है।
- किरनारपुर बालाघाट का औद्योगिक विकास केंद्र है।
- फॉरेस्ट रेंजर कॉलेज बालाघाट में स्थित है।
- बालाघाट जिला मध्य प्रदेश का सर्वाधिक वनों वाला जिला है। इस जिले के 53.44% भाग पर वन हैं।
- यह जिला बाँस के वनों के लिये प्रसिद्ध है। यहाँ भारत के सर्वाधिक गुणवत्तायुक्त बाँस मिलते हैं।
इंदौर
- इंदौर का पुराना नाम इंद्रपुर, इंदुर, अहिल्यानगरी तथा इंद्रेश्वर था।
- वर्तमान में इंदौर को ‘मिनी बॉम्बे’ या मध्य प्रदेश की वाणिज्यिक राजधानी के नाम से भी जाना जाता है।
- इंदौर के सिरपुर झील को पक्षी विहार घोषित किया गया है।
- क्षिप्रा नदी ज़िले के काकड़ीबर्डी नामक स्थान से निकलती है।
- गोम्मटगिरि जैन तीर्थ स्थल काफी प्रसिद्ध है।
- यह होल्कर वंश की राजधानी रहा है।
- सोयाबीन अनुसंधान केंद्र तथा जेम्स एवं ज्वैलरी पार्क यहीं स्थित है।
- यहाँ पर स्थित रालामंडल अभयारण्य मध्य प्रदेश का सबसे छोटा अभयारण्य है।
- एशिया में प्रथम एवं विश्व में तीसरा लेसर अनुसंधान केंद्र यहाँ पर स्थित है।
- मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा संभाग जनसंख्या की दृष्टि से ।
- इंदौर मध्य प्रदेश का सबसे बड़ा जिला है जनसंख्या की दृष्टि से ।
- राज्य सरकार द्वारा बाबा साहब अंबेडकर राष्ट्रीय सामाजिक विज्ञान संस्थान की स्थापना महू में डॉ. अंबेडकर की जन्मभूमि में की गई है।
- इंदौर की महू तहसील स्थित जानापाव पहाड़ी से चंबल नदी का उद्गम होता है तथा यही ऋषि जमदाग्नि और परशुराम की तपोभूमि भी है।
- यशवंत सागर इंदौर शहर को जल प्रदान करने वाला एकमात्र जल स्रोत है।
- जैविक खाद इकाई, मानसिक चिकित्सा संस्थान, मध्य प्रदेश लोकसेवा आयोग, वित्त निगम का मुख्यालय, पुलिस रेडियो प्रशिक्षण स्कूल, केंद्रीय पुरातात्त्विक संग्रहालय, एपरेल पार्क, IIT और IIM इंदौर में स्थापित हैं।
- गेहूँ शोध संस्थान भी इंदौर में है।
धार
- मध्य प्रदेश का प्रमुख औद्योगिक केंद्र पीथमपुर यहीं अवस्थित है।
- पीथमपुर को ‘ड्राई पोर्ट’ तथा ‘भारत का डेट्रॉयट’ भी कहा जाता है।
- धार ज़िले में ही ‘सिटी ऑफ ज्वॉय’ कहा जाने वाला मांडू भी स्थित है।
- रानी रूपमती का महल, मकबरा, हिंडोला महल, जहाज महल, अशर्फी महल, प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
- मोहनखेड़ा में प्रसिद्ध जैन तीर्थ आदिनाथ की 16 फीट की मूर्ति लगी है।
- पुरातात्त्विक जनजातीय सांस्कृतिक म्यूजियम, राजा भोज निर्मित भोजशाला (सरस्वती का मंदिर/वाग्देवी की प्रतिमा)।
- मूर्ति कला का प्रसिद्ध स्थान फड़के स्टूडियो यहीं पर है।
- धार परमार वंश की राजधानी थी।
- सरदारपुर अभयारण्य (खरमौर पक्षी का संरक्षण) ।
- डायनासोर जीवाश्म पार्क (2007 में जीवाश्म मिले)।
- धार जिले में ही बाघ की गुफाएँ तथा थार का किला स्थित है। धार के किले का निर्माण मोहम्मद बिन तुगलक ने करवाया जो कि लाल बलुआ पत्थर से निर्मित है।
अलीराजपुर
- झाबुआ जिले को विभाजित कर 17 मई, 2008 को अलीराजपुर का गठन किया गया।
- देश व मध्य प्रदेश का सबसे कम साक्षरता वाला जिला अलीराजपुर ही है।
- यहाँ पर भीलों द्वारा प्रसिद्ध भगोरिया मेले का आयोजन किया जाता है।
- इस जिले के ग्राम भाबरा में शहीद स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आज़ाद की जन्म स्थली है।
- अलीराजपुर में कट्टीवाड़ा मयूर अभयारण्य स्थित है।
- आम की नूरजहाँ प्रजाति के लिये यह जिला प्रसिद्ध है।
- इसी जिले में जोबट मान परियोजना स्थित है।
- प्रतिशत की दृष्टि से प्रदेश का सर्वाधिक अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाला जिला।
- अलीराजपुर प्रदेश का सर्वाधिक पश्चिमी सीमांत जिला है।
झाबुआ
- यह प्रदेश का सबसे ज्यादा अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाला जिला है, यहाँ पर भील जनजाति सबसे अधिक संख्या में पाई जाती है।
- मेलाः भगोरिया हाट मेला।
- गुजरात एवं राजस्थान की सीमा पर स्थित मध्य प्रदेश का पश्चिमी जिला ।
- आदिवासी शोध संचार केंद्र।
- मेघनगर में रॉक फास्फेट खनिज पाया जाता है जिसका उपयोग सीमेंट चादरें बनाने हेतु किया जाता है।
- मेघनगर झाबुआ का प्रमुख औद्योगिक केंद्र है।
खरगौन (पश्चिमी निमाड़ )
- इस ज़िले को पश्चिमी निमाड़ नाम से भी जाना जाता है। यह कपास उत्पादन करने वाला प्रदेश का एक प्रमुख जिला है।
- यहाँ प्रतिवर्ष सिंगाजी का मेला लगता है।
- मूंगफली का सर्वाधिक उत्पादन इसी जिले में होता है। इस जिले का देजला देवड़ा बांध कुंडा नदी पर निर्मित मिट्टी का बांध है।
- कपास अनुसंधान केंद्र तथा CISF का प्रशिक्षण केंद्र यहीं स्थित है।
- रावरखेडी: मराठा पेशवा बाजीराव प्रथम का समाधि स्थल |
- जल विद्युत परियोजना (नर्मदा नदी पर) मंडलेश्वर ऐतिहासिक स्थल तथा ।
- नर्मदा नदी का सबसे बड़ा घाट महेश्वर।
- आहिल्या बाई होल्कर की राजधानी महेश्वर थी। महेश्वर साड़ियों के लिये भी प्रसिद्ध है।
खंडवा (पूर्वी निमाड़ )
- यह जिला नर्मदा और ताप्ती नदियों के मध्य स्थित है, यह महान पाश्र्व गायक किशोर कुमार की जन्मस्थली तथा माखनलाल चतुर्वेदी की कर्मस्थली है।
- कपास उत्पादन के कारण खंडवा जिले को ‘सुनहरा जिला’ भी कहा जाता है।
- जिले की पुनासा तहसील में ‘हनुमंतिया द्वीप’ पर्यटन स्थल है।
- ज्योतिर्लिंग ओंकारेश्वर 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक यहीं है।
- खंडवा मध्य प्रदेश का प्रमुख गाँजा उत्पादक जिला है।
- मध्य प्रदेश का पहला कोरकू जनजाति सामुदायिक रेडियो केंद्र खंडवा से शुरू किया गया।
- पुनासा ग्राम में इंदिरा सागर परियोजना स्थापित है। यह भारत की सबसे बड़ी मानव निर्मित झील है।
- खंडवा जिले के घोघला गाँव में देश का पहला जल सत्याग्रह हुआ।
बड़वानी
- 25 मई, 1998 को खरगौन को विभाजित कर इस जिले की स्थापना की गई।
- यहाँ सर्वाधिक लाल मिर्च का उत्पादन होता है, साथ ही कपास की प्रसिद्ध मंडी सेंधवा यहीं स्थित है।
- बड़वानी सिसौदिया वंश की राजधानी था।
- चावल अनुसंधान केंद्र यहीं पर स्थित है।
- बड़वानी के प्रमुख पर्यटन स्थल: 52 फीट ऊँची भगवान आदिनाथ की मूर्ति, बावनगजा जैन तीर्थ (11 मंदिरों का समूह), बीजासेन का प्रसिद्ध दुर्गा मंदिर, भंवरगढ़ का प्रसिद्ध किला।
बुरहानपुर
- वर्ष 2003 में खंडवा से अलग कर इसे जिला घोषित किया गया था।
- बुरहानपुर ताप्ती नदी के तट पर स्थित है। इसे दक्षिण का प्रवेश द्वार भी कहते हैं।
- बुरहानपुर में ही असीरगढ़ का किला है। इस किले को दक्कन का दरवाजा भी कहा जाता है। यहाँ मुमताज बेगम की कब्र है।
- बुरहानपुर से 4 मील दूर ताप्ती नदी के किनारे राजा की छतरी नाम का उल्लेखनीय स्मारक है। मुगल सम्राट औरंगजेब के आदेश से राजा जयसिंह के सम्मान में इस छतरी का निर्माण हुआ था।
- नेशनल न्यूज प्रिंट कारखाना नेपानगर (बुरहानपुर) में ही स्थित है।
- चांदनी ताप विद्युत केंद्र भी इसी जिले में स्थित है।
- यहाँ मध्य प्रदेश का पहला यूनानी चिकित्सा कॉलेज है।
- असीरगढ़ में शाहजहाँ की प्रेमिका मोती बेगम की कब्र स्थित है।
- खूनी भंडारा- बुहरानपुर की मुगल कालीन जल प्रदाय व्यवस्था।
- शेख बुरहानुद्दीन द्वारा अपने नाम पर बसाया गया नगर ।
- बुरहानपुर के प्रसिद्ध ऐतिहासिक स्थलः बीबी की मस्जिद, बादशाही किला, बेगम का महल या मोती महल. अकबरी सराय, खूनी भंडारा, जामा मस्जिद, आदिल शाह का मकबरा ।
- बुरहानपुर प्रदेश का दक्षिणी सीमांत जिला है।
ग्वालियर
- ग्वालियर की स्थापना, राजा सूरजसेन ने गालव ऋषि के सम्मान में 8वीं शताब्दी में की।
- इसका प्राचीन नाम गोपाचल, गोपगिरी, गोप पर्वत या गोपाद्रि है।
- इसे तानसेन नगरी के उपनाम से भी जाना जाता है।
- ग्वालियर में एशिया का प्रथम शारीरिक प्रशिक्षण महाविद्यालय, राजस्व मुख्यालय एवं महालेखाकार का कार्यालय, विजयाराजे सिंधिया कृषि विश्वविद्यालय स्थित है।
- यहाँ पर स्थित तानसेन का मकबरा, रानी लक्ष्मीबाई की समाधि, जयविलास पैलेस, मुहम्मद गौस का मकबरा, गूजरीमहल, सास-बहू मंदिर (सहस्त्रबाहु मंदिर) व तेली का मंदिर (तेलंगाना मंदिर), मोती महल आदि दर्शनीय स्थल हैं।
- N.C.C. का महिला प्रशिक्षण केंद्र यहीं पर है।
- ग्वालियर के टेकनपुर में बीएसएफ की प्रशिक्षण अकादमी स्थित है।
- पटवारी प्रशिक्षण केंद्र।
- घाटीगाँव अभयारण्य में सोन/सोहन चिड़िया (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) का संरक्षण किया जाता है।
- सरोद घर नामक संग्रहालय, उस्ताद हाफिज अली खान के प्राचीन घर में स्थापित किया गया है।
- ग्वालियर का किला (निर्माता- सूरजसेन) अपने विशिष्ट स्थापत्य के कारण किलों का रत्न या जिब्राल्टर कहलाता है।
- दाताबंदी छोड़ गुरुद्वारे में 6वें सिख गुरु हरगोविंद को जहाँगीर ने 2 साल कैद में रखा था। ग्वालियर के किले के अंदर ही उसी स्थान पर गुरुद्वारा है, जो कि प्रदेश का सबसे बड़ा गुरुद्वारा है।
शिवपुरी
- शिवपुरी की प्राकृतिक सुंदरता के कारण ग्वालियर के सिंधिया राजाओं ने इसे अपनी ग्रीष्मकालीन राजधानी बनाई।
- शिवपुरी को 2010 में मध्य प्रदेश का पहला पर्यटन नगर घोषित किया गया।
- अप्रैल 1859 में तात्या टोपे को यहीं फाँसी दी गई थी।
- प्रदेश भर में यह न्यूनतम तापमान वाला जिला है।
- शिवपुरी में स्थित करैरा अभयारण्य में सोन/सोहन चिड़िया (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) का संरक्षण किया जा रहा है।
- यहाँ स्थित माधव राष्ट्रीय उद्यान से आगरा-मुंबई राष्ट्रीय राजमार्ग गुजरता है।
- यहाँ पर हर वर्ष पीर बुधान का मेला लगता है।
- यहाँ पार्वती, सिंध, कुनो तथा बेतवा नदियाँ प्रवाहित होती हैं।
- कत्था बनाने का कारखाना भी शिवपुरी जिले में ही अवस्थित है।
गुना
- ‘चंबल/मालवा का प्रवेश द्वार’ कहा जाता है गुना जिले को।
- यहाँ पर प्रसिद्ध तेजाजी का मेला लगता है।
- नेशनल फर्टिलाइजर्स विजयपुर, जिसे अमेरिका एवं इटली के सहयोग से स्थापित किया गया है, गुना में ही स्थित है।
- हजीरा विजयपुर जगदीशपुर पाइप लाइन यहीं से निकलती है।
- बजरंगगढ़ में प्राचीन किला, हिंदू एवं जैन धर्म से संबंधित प्रसिद्ध स्थल है।
अशोकनगर
- गुना जिले को विभाजित कर 15 अगस्त, 2003 को इस जिले का गठन किया गया।
- अशोकनगर त्रिकाल चौबीसी जैन मंदिर के लिये देशभर में प्रसिद्ध है। जहाँ भूत, भविष्य एवं वर्तमान काल के 24 जैन तीर्थंकरों की मूर्तियाँ विराजमान है।
- यहाँ जौहर कुंड, हवा महल, नौखंडा, खूनी दरवाजा भी दर्शनीय स्थल हैं।
- यहाँ पर करीला माता मंदिर है, जो भगवान राम एवं माता सीता के दो पुत्रों लव और कुश के जन्म स्थान के लिये जाना जाता है।
- यहाँ पर रंगपंचमी के दिन विशाल मेला लगता है, जिसमें बेडनी महिलाओं द्वारा राई नृत्य किया जाता है।
- अशोकनगर जिला सिंध और बेतवा नदी के मध्य में स्थित है।
- प्रदेश की खुली जेल मुंगावली यहीं स्थित है।
- यह क्षेत्र हाथ से बुनी चंदेरी साड़ियों के लिये प्रसिद्ध है तथा यहाँ चंदेरी का प्रसिद्ध किला भी है।
- चंदेरी में बैजू बाबरा (संगीतकार) की समाधि है।
दतिया
- इस शहर को अनेक मंदिरों के कारण लघु वृंदावन तथा पीतंबरा देवी का शहर कहा जाता है।
- दतिया में देश की प्रसिद्ध पीतांबरा पीठ (शक्तिपीठ) है।
- गुर्जरा से अशोक के अभिलेख प्राप्त हुए जहाँ अशोक का नाम, अशोक मिलता है।
- प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल सोनगिरि इसी जिले में अवस्थित है।
- दतिया में ही बेतवा नदी पर निर्मित माताटीला बांध स्थित है।
- वीर सिंह बुंदेला द्वारा 17वीं शताब्दी में 7 मंज़िला (सतखंडा) महल का निर्माण कराया गया था।
- इसे पुराना महल, हवा महल तथा खेत्री महल भी कहा जाता है।
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सागर
- यह बुंदेलखंड क्षेत्र में स्थित प्रदेश का एक महत्त्वपूर्ण जिला है।
- ऐरण अभिलेख (सागर) से सती प्रथा का प्रथम अभिलेख मिला।
- माप-तौल प्रशिक्षण केंद्र, स्टेनलेस स्टील कॉम्प्लेक्स, सिद्धगवा औद्यौगिक विकास केंद्र, मध्य प्रदेश का पुलिस कॉलेज तथा जवाहर लाल नेहरू पुलिस अकादमी, सागर में ही स्थित हैं।
- राहतगढ़ तथा गढ़ाकोटा के किले यहीं पर स्थित हैं।
- कीटनाशक संयंत्र बीना (सागर) में स्थापित है तथा बीना तहसील के आगासौद में ओमान के सहयोग से रिफाइनरी लगाई गई है।
- सागर में ही फोरेसिंक साइंस लैब स्थित है।
- सउर नामक जनजाति इसी जिले में पाई जाती है।
- नौरादेही अभयारण्य प्रदेश का सबसे बड़ा वन्य जीव अभयारण्य यहीं स्थित है।
दमोह
- इस जिले के संग्रामपुर में पौराणिक काल के पाषाण हथियार मिलें हैं।
- यहाँ रानी दुर्गावती अभयारण्य स्थित है।
- जिले में एतिहासिक महत्व का सिंगोरगढ़ का किला स्थित है। 15वीं शताब्दी के अंत में राजा दलपत शाह और रानी दुर्गावती यहाँ रहते थे। दलपत शाह की मौत के बाद रानी ने अकबर के सेनापति आसिफ खाँ से युद्ध किया तथा वीरगति को प्राप्त हुई।
- यहाँ पर स्थित कुंडलगिरि में जैन धर्म का ऐतिहासिक तीर्थ स्थल कुंडलपुर है।
- कुंडलपुर में पद्यासन पर बैठे अदिनाथ की एक प्रतिमा है।
- विध्याचल पर्वत का सबसे ऊँचा स्थान सद्भावना शिखर इसी जिले में स्थित है।
पन्ना
- पन्ना, हीरा भंडारण व उत्खनन के लिये देश भर में प्रसिद्ध है।
- यहाँ अजयगढ़ का किला, बलदेव जी का मंदिर, जुगल किशोर मंदिर स्थित हैं।
- इसके अतिरिक्त पांडव जलप्रपात प्रमुख दर्शनीय स्थल है।
- पन्ना व छतरपुर जिले में फैला पन्ना राष्ट्रीय उद्यान प्रदेश का पाँचवा टाइगर रिजर्व है। केन नदी इस उद्यान से गुजरती है।
- जहाँ केन घड़ियाल अभयारण्य भी है।
- आँवले के अधिक उत्पादन के कारण पन्ना जिले को आँवला जिला घोषित किया गया।
- प्रसिद्ध बलदेव मंदिर (लंदन पैलेस की केथेड्रल शैली में बना) यहीं स्थित है।
छतरपुर
- बुंदेल राजा छत्रसाल ने 1707 में छतरपुर की स्थापना की थी। प्राचीनकाल में इसे ‘जेजाक मुक्ति’ के नाम से जाना जाता था।
- यहाँ विश्व प्रसिद्ध खजुराहो के मंदिर हैं, जिन्हें यूनेस्को की विश्व विरासत सूची (1986) में शामिल किया गया है।
- खजुराहो में चंदेल कालीन अनेक मंदिरों के समूह हैं, जिनमें कंदरिया महादेव, चौंसठ योगिनी मंदिर, चित्रगुप्त मंदिर, विश्वनाथ मंदिर, लक्ष्मण मंदिर, चतुर्भुज मंदिर, पार्श्वनाथ मंदिर प्रमुख हैं।
- इस जिले में केन वन्य जीव अभयारण्य, केन परियोजना तथा उर्मिल परियोजना स्थित हैं।
- छतरपुर का भीमकुंड एक प्रसिद्ध तीर्थ स्थान है। इस कुंड की गहराई को आज तक मापा नहीं जा सका है।
यहाँ प्रतिवर्ष जलबिहारी मेले का आयोजन होता है।
टीकमगढ़
- मध्य प्रदेश का टीकमगढ़ जिला बुंदेलखंड की संस्कृति परिलक्षित करने वाला प्रमुख जिला है।
- तालाबों की अधिकता के कारण टीकमगढ़ को तालाब और पर्वतों का जिला भी कहा जाता है।
- पूर्व में टीकमगढ़ को ‘टिहरी’ नाम से जाना जाता था।
- 1783 में राजा विक्रमजीत ने अपनी राजधानी ओरछा से यहाँ स्थानांतरित की ओर तभी इस स्थान का नाम ‘टिहरी’ से बदल कर ‘टीकमगढ़’ किया गया था।
- टीकमगढ़, सागर संभाग के उत्तर-पश्चिमी भाग में स्थित है।
निवाड़ी
- 1 अक्तूबर, 2018 को मध्य प्रदेश सरकार द्वारा टीकमगढ़ जिले की निवाड़ी तहसील को प्रदेश का 52वाँ जिला घोषित कर दिया गया।
- निवाड़ी जनसंख्या व क्षेत्रफल दोनों की दृष्टि से प्रदेश का सबसे छोटा जिला है।
- बेतवा नदी के किनारे बुंदेला वंश की राजधानी ओरछा में शहीद स्मारक एवं राम-राजा का प्रसिद्ध मंदिर, जटाशंकर तीर्थ, कुकड़ेश्वर मंदिर जहाँ शिवलिंग का आकार प्रतिवर्ष बढ़ता है, पायोराजी एवं ताला जैन तीर्थ स्थल।
- इसी जिले के ओरछा में रामायण कला संग्रहालय भी स्थित है।
उज्जैन
- उज्जयिनी एवं अवंतिका नाम से प्रसिद्ध उज्जैन क्षिप्रा नदी के तट पर स्थित प्राचीन शहर है। यहाँ प्रत्येक 12वें वर्ष में कुंभ के मेले (सिंहस्थ पर्व) का आयोजन होता है।
- यहाँ दर्शनीय स्थलों में भर्तृहरि की गुफाएँ, जंतर-मंतर, मंगलनाथ, महाकालेश्वर मंदिर, कालभैरव मंदिर एवं संदीपनी आश्रम आदि स्थित हैं।
- यहाँ विक्रमशिला विश्वविद्यालय, महर्षि पाणिनी संस्कृत एवं वैदिक विश्वविद्यालय स्थित हैं।
- मध्य प्रदेश सरकार द्वारा मालवा उत्सव का आयोजन इसी जिले में किया जाता है।
- मध्य प्रदेश में प्रतिशत की दृष्टि से सर्वाधिक अनुसूचित जाति जनसंख्या वाला जिला है।
- 600 ई. पू. भारत के 16 महाजनपदों में शामिल अवंति की राजधानी उज्जैन थी।
- उज्जैन में एशिया का सबसे बड़ा सोयाबीन संयंत्र है।
देवास
- देवास में करेंसी प्रिंटिंग प्रेस स्थित है।
- कालीसिंध नदी का उद्गम देवास जिले के बागली (बगली) तहसील के बरझारी ग्राम से होता है।
- केओनी (खिवनी) वन्यजीव अभयारण्य स्थित है।
- संगीतकार कुमार गंधर्व की यह साधना स्थली है।
- यहाँ प्रदेश का एकमात्र निर्यात औद्योगिक पार्क स्थित है।
- मध्य प्रदेश का पहला मोबाइल थाना देवास में स्थापित किया गया है।
- I.S.O. प्रमाणित पहला थाना देवास।
- देवास को राज्य का प्रथम बायो-डीजल जिला घोषित किया गया है।
रतलाम
- रतलाम को सेंव नगरी के नाम से भी जाना जाता है।
- रतलाम के पहले राजा रतन सिंह थे। मुगल बादशाह शाहजहाँ ने रतलाम जागीर रतन सिंह को एक हाथी के खेल में उनकी बहादुरी के उपलक्ष्य में प्रदान की थी।
- रतलाम में नए टाउन की स्थापना कैप्टन बोर्थविक द्वारा 1829 में की गई थी।
- रतलाम में खरमोर पक्षी के संरक्षण के लिये सैलाना अभयारण्य स्थापित किया गया है।
- जावरा की हुसैन टेकरी चमत्कारी सिद्ध इलाज हेतु प्रसिद्ध है।
- यहाँ पर मालवा, राजस्थान, एवं गुजरात की लोक संस्कृति का अनूठा संगम देखने को मिलता है।
शाजापुर
- बादशाह शाहजहाँ ने इस नगर को स्थापित किया।
- जिले के भादखेड़ी गाँव में रावण की पूजा की जाती है।
- शाजापुर व्यंग्यकार व लेखक बालकृष्ण शर्मा ‘नवीन’ की जन्मस्थली है।
आगर मालवा
- शाजापुर जिले को विभाजित कर 16 अगस्त, 2013 को इस जिले को बनाया गया। यह प्रदेश का 51वाँ ज़िला है।
- छोटी काली सिंध इस जिले की मुख्य नदी है।
- देश का प्रथम गौ-अभयारण्य इस जिले के सुसनेर तहसील में बनाया गया है।
- बैजनाथ महादेव मंदिर जिसे एक ब्रिटिश कालीन कर्नल की पत्नी ने अपने पति के अफगानिस्तान युद्ध में बचने पर बनवाया था, यहीं स्थित है।
- इस जिले की नलखेडा तहसील में माँ बगलामुखी माता मंदिर है।
मंदसौर
- मंदसौर राजस्थान से घिरा हुआ है इसे ‘मंदोदरी का मायका’ के रूप में भी जाना जाता है ।
- यहाँ पर चंबल नदी पर स्थित गांधी सागर बांध मंदसौर को दो भागों में बाँटता है।
- इस जिले में स्थित गांधी सागर अभयारण्य में भालू, तेंदुआ, चिंकारा आदि को संरक्षण दिया जा रहा है।
- मंदसौर के प्रमुख पर्यटन स्थल पशुपतिनाथ का मंदिर, फूट तालाब, हिंगलाजगढ़ पहाड़ी किला, पिपल्या मंडी में बट्टी पार्श्वनाथ जैन मंदिर, भादवा माता मंदिर, सीतामऊ ऐतिहासिक स्थल, चंदवासा में धर्म राजेश्वर मंदिर।
- जुलाहा श्रेणी द्वारा सूर्य मंदिर हेतु दान का उल्लेख, यशोवर्मन का मंदसौर अभिलेख में किया गया है।
- मंदसौर को रावण का ससुराल माना जाता है एवं यहाँ रावण की पूजा भी की जाती है ।
- मध्य प्रदेश का एकमात्र उद्यानिकी महाविद्यालय ।
नीमच
- नीमच को 1998 में मध्य प्रदेश का पृथक जिला बना था। प्रारंभ में यह मंदसौर जिले का हिस्सा था।
- नीमच को सीआरपीएफ की जन्मस्थली माना जाता है। उल्लेखनीय है कि NIMACH (North India Military and Cavalry Headquarter) का संक्षिप्त है।
- शहाबुद्दीन औलिया का उर्स ।
- पर्यटन स्थलः 1857 की क्रांति मध्य प्रदेश में नीमच से प्रारंभ हुई।
- मध्य प्रदेश का पहला ग्राम न्यायालय झांतला ग्राम में स्थापित किया गया। (10 ग्राम पंचायत मिलाकर)
शहडोल
- शहडोल को सोहागपुर कोयला क्षेत्र के लिये जाना जाता है।
- यहाँ दर्शनीय स्थलों में सोहागपुर बाणगंगा में भगवान शिव का एक विराटेश्वर मंदिर है।
- सोन घड़ियाल अभयारण्य सीधी एवं शहडोल जिले की सीमा पर है।
- शहडोल शब्द सहस्त्र डोल से बना है, जिसका अर्थ हजारों तालाब है।
- यहाँ की जलवायु शीतोष्ण है।
- ओरियंट पेपर मिल, अमलाई में है।
- देश की पहली किन्नर विधायक शबनम मौसी सोहागपुर से निर्वाचित हुई थीं।
- सोन नदी पर अवस्थित बाण सागर परियोजना इस जिले के देवलोद नामक स्थान पर है।
- यूरेनियम खनिज वाला यह राज्य का एकमात्र जिला है।
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उमरिया
- उमरिया जिले का गठन शहडोल जिले को विभाजित कर किया गया।
- संजय गांधी ताप विद्युत केंद्र एवं बांधवगढ़ राष्ट्रीय उद्यान इसी जिले में स्थित हैं।
अनूपपुर
- शहडोल जिले को विभाजित कर 15 अगस्त, 2003 को इसका गठन किया गया।
- इस जिले से नर्मदा तथा सोन नदियों का उद्गम होता है। इसके साथ ही जोहिला एवं निपान भी यहाँ की प्रमुख नदियाँ हैं।
- इस जिले में दुग्धधारा, धुनीपानी नर्मदाकुंड, कलचुरी काल के मंदिर, सर्वोदय जैन मंदिर आदि दर्शनीय स्थल हैं।
चंबल
श्योपुर
- श्योपुर जिले का गठन मुरैना जिले को विभाजित कर किया गया।
- चंबल नदी के तट पर श्योपुर जिला स्थित है।
- यहाँ स्थित पालनपुर कूनो वन्यजीव अभयारण्य, एशियाई शेरों के संरक्षण के लिये तैयार किया जा रहा है।
- यह जिला काष्ठ कला के लिये प्रसिद्ध है।
- इस जिले से चंबल, कूनो और सीप नदियाँ प्रवाहित होती हैं।
- श्योपुर मध्य प्रदेश का सर्वाधिक कुपोषित जनसंख्या वाला जिला है।
मुरैना
- इस जिले का नाम मुरैना , मोर पक्षी की अधिकता के कारण पड़ा।
- यहाँ नागा जी का मेला लगता है।
- चंबल, कुंवारी, सांक तथा असन नदियाँ इस जिले में प्रवाहित होती हैं।
- चंबल नदी के किनारे चंबल घड़ियाल परियोजना प्रभावी है। यहाँ डाल्फिनों का संरक्षण भी किया जा रहा है।
- यहाँ कत्था बनाने का कारखाना स्थित है।
- मुरैना मध्य प्रदेश का सर्वाधिक उत्तरी (उत्तरी सीमांत) जिला है।
भिंड
- भिंड जिले को ‘बागियों का गढ़‘ कहा जाता है।
- भिंड जिले के मालनपुर-घिरोंगी में औद्योगिक विकास केंद्र स्थापित है।
- अटेर किला भिंड में ही स्थित है।
- भिंड मध्य प्रदेश का सबसे कम वर्षा (55 सेमी.) प्राप्त करने वाला जिला है।
- अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या सबसे कम (6,131) यहीं पर है।
रीवा
- रीवा जिले को ‘सफेद शेरों की भूमि’ कहा जाता है।
- रीवा में कृषि महाविद्यालय, एस.एस. चिकित्सा महाविद्यालय, अवधेश प्रताप सिंह विश्वविद्यालय, सैनिक स्कूल अवस्थित हैं।
- यहाँ प्रतिवर्ष महामृत्युंजय का मेला लगता है।
- रीवा जिले में टोंस, बीहड़, केवटी और बहुती नदियाँ प्रवाहित होती हैं। बहुती जलप्रपात और चचाई जलप्रपात इसी जिले में अवस्थित है।
- गोविंदगढ़ में आम अनुसंधान केंद्र स्थित है।
- यहाँ पाए जाने वाले प्रमुख खनिज तत्त्व हैं- जिप्सम, चूना पत्थर, बॉक्साइट, डोलोमाइट, गेरू।
- रीवा में स्थित प्रमुख जलप्रपातः बीहड़ नदी पर चचाई जलप्रपात, केवटी तथा बहुती हैं।
- पुलिस मोटर्स वर्कशॉप, रीवा में स्थित है।
- यहाँ पर पुलिस वाहन प्रशिक्षण केंद्र स्थित है।
सिंगरौली
- सीधी जिले को विभाजित कर 24 मई, 2008 को सिंगरौली जिले का गठन किया गया।
- यह जिला कोयला उत्पादन के लिये विख्यात है। यहाँ एनटीपीसी ताप विद्युत केंद्र स्थापित है।
- सिंगरौली का जिला मुख्यालय बैढन है, जिसे राज्य की ऊर्जा राजधानी/ऊर्जांचल भी कहा जाता है।
- इसकी सीमा उत्तीसगढ़ के कोरिया जिले और उत्तर प्रदेश के सोनभद्र जिले से लगती है।
- सिंगरौली मध्य प्रदेश का सर्वाधिक पूर्वी (पूर्वी सीमांत) जिला है।
- यहाँ पर माड़ा की गुफाएँ भी स्थित है।
- अनुसूचित जातियों व जनजातियों के लिये विशेष न्यायालय ।
- भारतीय मानक समय रेखा 82½ डिग्री पूर्वी देशांतर मध्य प्रदेश के एकमात्र जिले सिंगरौली से होकर गुजरती है।
सीधी
- यहाँ संजय-दुबरी राष्ट्रीय उद्यान एवं टाइगर रिज़र्व है।
- यहाँ सोन नदी प्रवाहित होती है, जिसे यहाँ का जीवन रेखा कहते हैं।
सतना
- सतना चूना व सीमेंट उद्योग के लिये प्रसिद्ध है।
- चित्रकूट धाम तथा मैहर यहाँ के दर्शनीय स्थल है।
- महात्मा गांधी चित्रकूट ग्रामोदय विश्वविद्यालय इसी जिले में है।
- सतना जिले में अशोक के स्तूप (भरहुत) की खोज की गई है।
- अध्यात्म और संगीत की नगरी मैहर को प्रदेश की संगीत राजधानी कहा जाता है।
- अलाउद्दीन खां संगीत अकादमी, मैहर में ही स्थित है।
नर्मदापुरम (होशंगाबाद )
- यह जिला नर्मदा नदी के तट पर स्थित है। इसकी स्थापना मालवा के द्वितीय शासक सुल्तान हुशंगशाह गौरी द्वारा 15वीं शताब्दी के आरंभ में की गई थी।
- नर्मदा नदी का प्रसिद्ध सेठानी घाट यहीं पर स्थित है।
- यह जिला सागौन के वनों के लिये प्रसिद्ध है।
- इसी जिले में माखन लाल चतुर्वेदी का जन्म हुआ था।
- प्रमुख पचमढ़ी हिल स्टेशन इसी जिले में स्थित है।
- सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान, बोरी वन्यजीव अभयारण्य, तवा जलाशय यहाँ के दर्शनीय स्थल हैं।
बैतूल
- यह आदिवासी बाहुल्य जिला है। यह जिला खनिज संसाधनों से संपन्न है। यहाँ कोयला, ग्रेफाइट, डोलोमाइट, संगमरमर तथा टिन जैसे खनिज पाए जाते हैं।
- ताप्ती नदी का उद्गम इसी जिले के मुल्ताई (मूल ताप्ती) नामक स्थान से होता है।
- प्रसिद्ध जैन तीर्थ स्थल मुक्तागिरि यहाँ का दर्शनीय स्थल है।
हरदा
- इस जिले का गठन 6 जुलाई, 1998 को होशंगाबाद जिले को विभाजित कर किया गया।
- यहाँ कान्हा बाबा का प्रसिद्ध मेला लगता है।
FAQ
मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल कितने पहाड़ियों से घिरा हुआ है और उनके नाम ?
भोपाल शहर पाँच पहाड़ियों पर बसा है, जिनके नाम है – ईदगाह हिल्स, अरेरा हिल्स, श्यामला हिल्स, कटारा हिल्स, द्रोणाचल नेवरी हिल्स
मध्य प्रदेश किस राज्य की सीमा को नहीं छूती है ?
झारखंड
खजुराहो का मंदिर किस जिले में स्थित है ?
छतरपुर
मध्यप्रदेश का एकमात्र एस्बेस्टस उत्पादक जिला कौन सा है ?
झाबुआ
मध्य प्रदेश का 51 वा जिला कौन सा है ?
आगर मालवा
भेड़ाघाट पर कौन सा जलप्रपात स्थित है ?
धुँवाधार जलप्रपात
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