Salient  Features Of Indian Constitution

By CGbigul

प्रस्तावना का महत्व: 

भारतीय संविधान की प्रस्तावना देश की आकांक्षाओं को दर्शाते हुए न्याय, स्वतंत्रता, समानता और भाईचारे पर जोर देते हुए इसकी नींव रखती है।

मौलिक अधिकार:

भाग III में निहित, ये अधिकार नागरिकों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता सुनिश्चित करते हैं, जिसमें कानून के समक्ष समानता और भेदभाव से सुरक्षा जैसे पहलू शामिल हैं।

राज्य के नीति निर्देशक सिद्धांत:

भाग IV शासन, सामाजिक न्याय, आर्थिक कल्याण और अंतर्राष्ट्रीय शांति को बढ़ावा देने के लिए दिशानिर्देशों की रूपरेखा देता है, हालांकि अदालतों द्वारा लागू नहीं किया जा सकता है।

संसदीय प्रणाली:

भारत एक संसदीय प्रणाली के साथ एक संघीय ढांचे का पालन करता है, जिसमें राष्ट्रपति राज्य के प्रमुख के रूप में और प्रधान मंत्री सरकार के प्रमुख के रूप में होते हैं।

आपातकालीन प्रावधान: 

अनुच्छेद 352 राष्ट्र की स्थिरता सुनिश्चित करने के लिए युद्ध, बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह के दौरान राष्ट्रपति को आपातकालीन शक्तियाँ प्रदान करता है।

न्यायिक स्वतंत्रता: 

न्यायपालिका, कार्यपालिका से स्वतंत्र, नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करती है। सर्वोच्च न्यायालय संविधान की व्याख्या करता है और उसकी पवित्रता की रक्षा करता है।

संघीय संरचना:

संविधान केंद्र और राज्यों के बीच शक्तियों को विभाजित करता है, क्षेत्रीय स्वायत्तता की अनुमति देते हुए एकता बनाए रखने के लिए संतुलन सुनिश्चित करता है।

संशोधन प्रक्रिया: 

अनुच्छेद 368 संविधान में संशोधन करने की प्रक्रिया की रूपरेखा तैयार करता है, जिसमें उभरती सामाजिक जरूरतों के अनुकूल लचीलेपन पर जोर दिया गया है।

सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार:

अनुच्छेद 326 सभी वयस्क नागरिकों को मतदान का अधिकार देता है, लोकतांत्रिक सिद्धांतों को बढ़ावा देता है और राजनीतिक भागीदारी सुनिश्चित करता है।

सांस्कृतिक और  शैक्षिक सुरक्षा उपाय: 

अनुच्छेद 29 और 30 संस्कृति और शिक्षा के संदर्भ में अल्पसंख्यक अधिकारों की रक्षा करते हैं, भारतीय ताने-बाने में विविधता और समावेशिता को बढ़ावा देते हैं।

Indian  Constitution  MCQ