राजीव दीक्षित  के विचार

“देश के लिए वही व्यक्ति संकल्प ले सकता हैं, जिसकी आत्मशक्ति  मजबूत हो।”

“व्यक्ति मरने से नहीं डरता हैं,  मरने से पहले आने वाले  दर्द से डरता हैं।”

“देश के लिए वही व्यक्ति संकल्प ले सकता हैं, जिसकी आत्मशक्ति  मजबूत हो।”

“भोजन हमेशा सुखआसन में  बैठकर करें और ध्यान खाने पर ही रहे, मतलब टेलीविजन देखते, गाने सुनते हुए, पढ़ते हुए, बातचीत करते हुए कभी  भी भोजन न करें।”

व्यक्ति अपने सार्वजनिक जीवन में जो कुछ भी करता हैं, उसकी जड़ उसके निजी जीवन में जरूर होती हैं. 

जब परिवर्तन होता है तो शुरू में किसी को भरोसा नहीं होता, लेकिन बाद में वो हो जाता हैं. 

जब भारत में कोई  विदेशी कम्पनी नही थी तब  भारत सोने की चिड़िया था. 

अगर आप विदेशियों पर निर्भर है, प्रावलम्बी है, तो आप दुनिया में कोई ताकत हासिल नहीं कर सकते.

केवल स्वदेशी नीतियों से ही देश फिर से सोने की चिड़िया बन सकता हैं. 

जब ये दुनिया के लोग  आपको कहने लगे की  आप पागल हो