आज का विषय है Madhya Pradesh Ki Nadiyan के बारे में जानकारी हासिल करेंगे प्रतियोगी परीक्षाओं को ध्यान में रखकर पॉइंट वाइस जानकारी दी गई है जिसे आप नोट्स बना के भी रख सकते है।
मध्य प्रदेश एक कृषि प्रधान राज्य है और यहाँ की कृषि पर नदियों और सिंचाई के अन्य साधनों का महत्त्वपूर्ण योगदान है। नदियों को कृषि आधारित राज्यों की जीवन रेखा कहते हैं, क्योंकि वे क्षेत्र विशेष के आर्थिक एवं सामाजिक विकास में अहम भूमिका निभाती हैं। नदियाँ न सिर्फ सिंचाई करती हैं, बल्कि जल विद्युत उत्पादन, मत्स्योत्पादन भी इन्हीं के माध्यम से होता है।
राज्य में नर्मदा और यमुना बेसिन के विशाल क्षेत्र हैं। अनेक नदियों के उद्गम व प्रवाह के फलस्वरूप मध्य प्रदेश को ‘नदियों का मायका’ कहा जाता है।
मध्यप्रदेश में प्रवाहित होने वाली नदियों की सूची
प्रमुख नदियाँ | उद्गम स्थल | अवसान स्थल | लम्बाई |
नर्मदा | अमरकंटक, पुष्पराजगढ़ | खम्भात की खाड़ी (अरब सागर) | 1312 कि.मी. |
चम्बल | जानापाव पहाड़ी | जानापाव पहाड़ी (महू -इंदौर) | 965 कि.मी. |
सोन | अमरकंटक (अनूपपुर) | पटना (बिहार) के पास गंगा में | 780 कि.मी. |
ताप्ती | मुलताई (बैतूल जिला ) | खम्भात की खाड़ी (अरब सागर) | 724 कि.मी. |
बेतवा | कुमरा गाँव (रायसेन) | हमीरपुर में यमुना मे | 590 कि.मी. |
कालीसिंघ | बागली गाँव (देवास) | चम्बल में | 150 कि.मी. |
क्षिप्रा | काकरीबर्डी (इन्दौर) | चम्बल में | 195 कि.मी. |
कूनो नदी | शिवपुरी के पठार | चम्बल में | 180 कि.मी. |
वैनगंगा | परसवाड़ा पठार (सिवनी) | गोदावरी में | 569 कि.मी. |
केन | विध्याचल पर्वत | यमुना नदी | 427 कि.मी. |
माही | विंध्याचल पर्वत (अमझेरा, धार) | अरब सागर | 583 कि.मी. |
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Madhya Pradesh Ki Nadiyan
नर्मदा नदी
- मध्य प्रदेश की जीवन रेखा कही जाने वाली नर्मदा नदी का उद्गम अनूपपुर जिले की अमरकंटक चोटी से होता है।
- यह तीन राज्यों में बहते हुए (मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र एवं गुजरात) भड़ौच के निकट खंभात की खाड़ी में गिरती है।
- यह अपने मुहाने पर एस्चुरी का निर्माण करती है।
- नर्मदा मध्य प्रदेश की सबसे बड़ी तथा भारत की 5वीं सबसे बड़ी नदी है।
- इस नदी की कुल लंबाई 1312 किमी. है, जिसमें लगभग 1077 किमी. भाग मध्य प्रदेश से होकर गुज़रती है।
- इसे अन्य नामों से भी जाना जाता है, जैसे- रेवा, सोगों देवी, मैकलसुता, नामोदास, शंकरी ।
- नर्मदा नदी द्वारा निर्मित जलप्रपात कपिलधारा एवं दुग्धधारा जलप्रपात (अनूपपुर), धुआँधार जलप्रपात (भेड़ाघाट, जबलपुर), सहस्त्रधारा जलप्रपात (महेश्वर, खरगोन), दर्दी जलप्रपात, मंधार जलप्रपात हैं।
- इसके दाएँ तट की सहायक नदियों में हिरन, तिनदोनी, बरना, कोलार, मान, ऊँटी, हथिनी आदि हैं।
चंबल नदी
- यह मध्य प्रदेश की दूसरी सबसे बड़ी नदी है। इसे धर्मावती (चर्मावती) के नाम से भी जाना जाता था।
- पश्चिमी मध्य प्रदेश की मुख्य नदी चंबल का उद्गम स्थल इंदौर ज़िले में महू के समीप जनापाव पहाड़ी है।
- यह नदी इटावा (उत्तर प्रदेश) के समीप यमुना में विलीन हो जाती है।
- इसकी प्रमुख सहायक नदियों में पार्वती, बनास, कालीसिंध, आदि हैं।
- चंबल नदी भिंड, मुरैना तथा उत्तर प्रदेश व राजस्थान के निकटवर्ती क्षेत्रों में खड्डों एवं बीहड़ों का निर्माण करती है।
- इस नदी की कुल लंबाई लगभग 965 किमी. है जिसमें से लगभग 650 किमी. मध्य प्रदेश में है।
- यह मध्य प्रदेश एवं राजस्थान की सीमा का निर्धारण करती है।
- चंबल नदी पर निर्मित बांध हैं-गांधी सागर बांध (मंदसौर, प्रदेश), राणा प्रताप सागर बांध (चित्तौड़गढ़, राजस्थान), जवाहर सागर बांध (कोटा, राजस्थान)।
- चंबल के किनारे बसे महत्त्वपूर्ण नगर मंदसौर, कोटा, चित्तौड़गढ़, मुरैना, इटावा इत्यादि है।
- इस नदी के जल द्वारा अवनालिका अपरदन से भिंड, श्योपुर एवं मुरैना में बीहड़ों का निर्माण हुआ है।
- मुरैना ज़िला अपरदन से सर्वाधिक प्रभावित है।
- चंबल के बीहड़ बाग़ियों की शरण स्थली के रूप में कुख्यात रहे हैं।
सोन नदी
- सोन नदी का उद्गम मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले की अमरकंटक चोटी से हुआ है।
- यह नदी मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश तथा बिहार में बहती हुई पटना के समीप गंगा में मिल जाती है।
- सोन नदी दक्षिण दिशा से जाकर गंगा में मिलने वाली एकमात्र नदी है।
- सोन नदी की संपूर्ण लंबाई लगभग 780 किमी. है।
- इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ जोहिला, बनास, गोपद और रिहंद हैं।
ताप्ती नदी
- यह नदी डेल्टा न बनाकर एश्चुरी (ज्वारनदमुख) का निर्माण करती है।
- ताप्ती नदी के समीप बुरहानपुर शहर स्थित है। यह नदी मध्य प्रदेश के खंडवा बैतूल जिलों में बहती है।
- ताप्ती नदी का उद्गम बैतूल जिले के मुल्ताई नगर (मूल ताप्ती) के पास से होता है।
- नर्मदा की भाँति यह नदी पूर्व से पश्चिम की ओर भ्रंश घाटी में बहती है।
- इसकी सहायक नदियाँ पूर्णा, शिवा तथा बोरी हैं।
- यह नदी मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र तथा गुजरात में कुल 724 किमी. बहते हुए सूरत के निकट खंभात की खाड़ी में गिरती है।
- ताप्ती नदी पर मध्य प्रदेश एवं महाराष्ट्र की संयुक्त परियोजना- अपर ताप्ती, लोअर ताप्ती अवस्थित है।
बेतवा नदी
- बेतवा नदी का उद्गम रायसेन जिले के कुमरागाँव की विंध्याचल पर्वत श्रेणी से होता है।
- इस नदी का पौराणिक नाम बेत्रावती है।
- यह मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश में प्रवाहित होते हुए उत्तर प्रदेश के हमीरपुर के निकट यमुना नदी में मिल जाती है।
- यह नदी मध्य प्रदेश एवं उत्तर प्रदेश की सीमा बनाती है।
- इस नदी की प्रमुख सहायक नदियाँ बीना, धसान, सिंध, मालिनी इत्यादि हैं।
- बेतवा की सहायक बीना नदी, सागर जिले के पास राहतगढ़ कस्बे के समीप भालकुंड नामक जल प्रपात बनाती है।
- बेतवा नदी को मध्य प्रदेश की गंगा भी कहते हैं।
सिंध नदी
- सिंध नदी दतिया, भिंड, शिवपुरी एवं गुना जिलों से बहती हुई उत्तर प्रदेश के इटावा के पास चंबल नदी में मिल जाती है।
- यह नदी मध्य प्रदेश के गुना जिले के सिरोंज के समीप से निकलती है।
- सिंध नदी गुना जिले को दो समान भागों में बाँटती हुई बहती है।
क्षिप्रा नदी
- क्षिप्रा नदी को ‘मालवा की गंगा’ भी कहा जाता है।
- इस नदी का उद्गम इंदौर के समीप काकरी बारड़ी (बरड़ी) पहाड़ी से होता है।
- क्षिप्रा नदी उज्जैन तथा देवास जिलों में बहते हुए चंबल नदी में मिल जाती है।
- इस नदी की कुल लंबाई लगभग 195 किलोमीटर है।
- क्षिप्रा नदी के किनारे उज्जैन में प्रसिद्ध महाकालेश्वर मंदिर स्थित है।
- क्षिप्रा की सहायक नदी खान है।
- क्षिप्रा नदी के किनारे प्रत्येक 12वें वर्ष पर उज्जैन में सिंहस्थ उत्सव (कुंभ मेला) का आयोजन होता है।
- यहीं पर क्षिप्रा नदी पर ‘रामघाट’ स्थित है, जिसका बड़ा धार्मिक महत्व है।
- कुंभ के दौरान इस घाटपर स्नान के लिये श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रहती है।
कालीसिंध नदी
- इस नदी का उद्गम देवास जिले के बागली गाँव के समीप विंध्याचल पर्वत से होता है।
- इसकी लंबाई लगभग 150 किलोमीटर है।
- यह राजगढ़ एवं शाजापुर जिलों में बहती हुई राजस्थान में चंबल नदी में मिल जाती है।
तवा नदी
- यह नदी पचमढ़ी के पास महादेव पर्वत की कालीभीत पहाड़ियों से निकलती है तथा होशंगाबाद के समीप नर्मदा में मिल जाती है।
- मध्य प्रदेश का सबसे लंबा बांध तवा नदी पर निर्मित हुआ है, जो होशंगाबाद जिले में ही स्थित सतपुड़ा राष्ट्रीय उद्यान तथा बोरी अभयारण के मध्य स्थित है।
- नर्मदा नदी तथा तवा नदी के संगम द्वारा मंधार जलप्रपात (खंडवा) का निर्माण होता है।
- इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ देनवा, मालनी तथा सुखतवा हैं।
- होशंगाबाद के समीप तवा नदी पर तवा बांध निर्मित किया गया है।
वैनगंगा
- सिवनी के मुंडारा क्षेत्र में वैनगंगा का उद्गम स्थल है।
- सिवनी में यह अर्द्धचंद्राकार बनाती हुई बहती है।
- इसके बाद बालाघाट, भंडारा ज़िले (महाराष्ट्र) से बहती हुई वर्धा नदी में मिलती है।
- कन्हान, पेंच, चूलबंद, चंदन और बावनथड़ी इसकी प्रमुख सहायक नदियाँ हैं।
- वैनगंगा और वर्धा का संगम ‘प्राणहिता’ कहलाता है।
- आगे जाकर वैनगंगा नदी ‘गोदावरी नदी’ में मिल जाती है।
- इस प्रकार वैनगंगा नदी गोदावरी की प्रमुख सहायक नदी है।
- छपारा (सिवनी) में वैनगंगा नदी पर भीमगढ़ संजय सरोवर बांध बनाया गया है, जो कि एशिया में सबसे बड़े मिट्टी के बांधों में शुमार है।
कन्हान
- यह नदी छिंदवाड़ा जिले में पश्चिमी पठार से निकली है और देवगढ़ के सुप्रसिद्ध किले के पास बहती हुई नागपुर के उत्तरी क्षेत्र में प्रवेश करती है।
- यह वैनगंगा के दाएँ तट पर संगम करने वाली प्रमुख नदियों में से एक है।
पेंच
- यह कन्हान की प्रमुख सहायक नदी है, जिसका उद्गम सतपुड़ा पर्वत श्रेणी के दक्षिणी पठार से होता है।
- नागपुर जिले के कामठी के निकट यह कन्हान में मिल जाती है।
कूनो नदी
- यह नदी शिवपुरी पठार से निकलती है।
- अपने उद्गम के बाद यह नदी सँकरी घाटी से बहती हुई मुरैना पठार को पार करती हुई चंबल नदी में मिल जाती है।
केन नदी
- यह नदी विंध्याचल पर्वत से निकलकर उत्तर की ओर बहती हुई यमुना नदी में मिल जाती है।
- केन नदी की कुल लंबाई लगभग 427 किमी. है वहीं मध्य प्रदेश राज्य में इसकी लंबाई 292 किमी. है।
टोंस नदी
- यह नदी मध्य प्रदेश के सलना जिले के कैमूर पर्वत श्रेणी में स्थित मैहर के समीप तमाशकुंड जलाशय से निकलकर उत्तर-पूर्व की ओर प्रवाहित होती है।
- यह इलाहाबाद के समीप सिरसा नामक स्थान पर गंगा नदी में मिल जाती है।
- बीहड़ व बेलन इसकी सहायक नदियाँ हैं।
माही नदी
- माही नदी मध्य प्रदेश के धार ज़िले में विंध्याचल पर्वत से निकलती है।
- यह नदी मध्य प्रदेश के धार, झाबुआ और रतलाम जिलों से बहती हुई राजस्थान के बांसवाड़ा और डूंगरपुर जिलों में प्रवेश करती है।
- यह नदी गुजरात के खंभात की खाड़ी में गिरती है।
- यह भारत की एकमात्र नदी है जो कर्क रेखा को दो बार काटती है।
नदियों के किनारे बसे प्रमुख नगर
नदी | नगर |
नर्मदा | ओंकारेश्वर, अमरकंटक, होशंगाबाद, जबलपुर, महेश्वर |
चंबल | श्योपुर, महू, रतलाम, मुरैना |
ताप्ती | मुल्ताई, बुरहानपुर |
बेतवा | ओरछा, साँची, विदिशा, गुना |
पार्वती | शाजापुर, आष्टा, राजगढ़ |
सिंध | शिवपुरी, दतिया |
कालीसिंध | बागली, देवास, सोनकच्छ |
क्षिप्रा | उज्जैन |
खान | इंदौर |
माही | कुक्षी, धार |
FAQs
किस नदी को “मध्य प्रदेश की गंगा” कहा जाता है ?
बेतवा नदी को
उज्जैन स्थित महाकाल का मंदिर किस नदी के किनारे स्थित है ?
क्षिप्रा
गांधीसागर बांध का निर्माण किस नदी पर हुआ है ?
चंबल
मध्यप्रदेश में कौन सा बांध भारत में सबसे बड़ा जलाशय रखता है ?
इंदिरा सागर बांध
बेतवा नदी का उद्गम स्थल कहां है ?
कुमरा
आज की जानकारी आपको कैसी लगी कमेंट करके जरूर बताये, इस जानकरी को कोई त्रुटि हो तो जरूर कमेंट करके अवगत कराये , कल फिर मिलेंगे एक नहीं विषय के साथ.
जय हिन्द !