Chhattisgarh High Court | छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट: भारत के न्यायिक इतिहास का एक अनमोल रत्न

आजका टॉपिक है Chhattisgarh High Court, छत्तीसगढ़ भारत का एक ऐसा राज्य जो अपनी प्राकृतिक सुंदरता और समृद्ध सांस्कृतिक विरासत के लिए जाना जाता है, एक और महत्वपूर्ण पहचान रखता है – छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट। बिलासपुर में स्थित यह हाई कोर्ट न केवल राज्य की न्यायिक प्रणाली का आधार है, बल्कि यह भारत के नवीनतम और गतिशील उच्च न्यायालयों में से एक है। इस ब्लॉग में, हम छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के बारे में रोचक जानकारी, इसके इतिहास, और इसके महत्व को सरल और आकर्षक तरीके से जानेंगे।

Table of Contents hide

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की स्थापना और इतिहास

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की स्थापना 1 नवंबर 2000 को हुई थी, जब मध्य प्रदेश पुनर्गठन अधिनियम, 2000 के तहत छत्तीसगढ़ को एक अलग राज्य के रूप में मान्यता मिली। यह भारत का 19वां उच्च न्यायालय है और बिलासपुर में स्थित है। इसकी स्थापना के साथ, छत्तीसगढ़ को अपनी स्वतंत्र न्यायिक प्रणाली मिली, जो पूरे राज्य में न्याय सुनिश्चित करती है। न्यायमूर्ति आर.एस. गर्ग इसके पहले कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थे। वर्तमान में, न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा इस हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं, जो पहले इलाहाबाद हाई कोर्ट में सेवा दे चुके हैं।

बिलासपुर: हाई कोर्ट का गढ़

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का मुख्यालय बिलासपुर में है, जिसे राज्य का न्यायिक केंद्र माना जाता है। बिलासपुर को इसके लिए चुना गया क्योंकि यह भौगोलिक रूप से राज्य के केंद्र में स्थित है और परिवहन की अच्छी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। हाई कोर्ट का भवन आधुनिक वास्तुकला का एक शानदार नमूना है, जो न्याय की गरिमा को दर्शाता है। यहाँ की हाई कोर्ट कॉलोनी और शासकीय आवासीय भवन भी न्यायिक कर्मचारियों और अधिकारियों के लिए महत्वपूर्ण सुविधाएँ प्रदान करते हैं।

इसे भी अवश्य पढ़ें – छत्तीसगढ़ की एक झलक : इतिहास, संस्कृति से आध्यात्मिक पथ तक

अधिकार क्षेत्र और न्यायाधीशों की संख्या

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का अधिकार क्षेत्र पूरे छत्तीसगढ़ राज्य तक फैला हुआ है। यह मूल और अपीलीय क्षेत्राधिकार दोनों का उपयोग करता है, जिसका अर्थ है कि यह न केवल निचली अदालतों के फैसलों की अपील सुनता है, बल्कि कुछ मामलों में सीधे मुकदमे भी दर्ज कर सकता है। इसके फैसलों की अपील केवल भारत के सर्वोच्च न्यायालय में की जा सकती है। हाई कोर्ट में अधिकतम 22 न्यायाधीश हो सकते हैं, जिनमें 17 स्थायी और 5 अतिरिक्त जज शामिल हैं। वर्तमान में, यहाँ 14 न्यायाधीश कार्यरत हैं।

रोचक तथ्य और उपलब्धियाँ

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के बारे में कुछ रोचक तथ्य यहाँ दिए गए हैं, जो इसे खास बनाते हैं:

  1. नवाचार और तकनीक: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट ने ई-कोर्ट परियोजना को अपनाया है, जिसके तहत केस स्टेटस, ऑनलाइन सुनवाई, और वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग जैसी सुविधाएँ उपलब्ध हैं। हाल ही में, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग सेटअप और नेटवर्क उपकरण स्थापना के लिए निविदाएँ जारी की गई हैं।
  2. राष्ट्रीय लोक अदालत: हाई कोर्ट समय-समय पर राष्ट्रीय लोक अदालत का आयोजन करता है, जैसे कि 10 मई 2025 को होने वाली लोक अदालत, जिसमें छोटे-मोटे विवादों को सुलझाया जाता है। यह सामान्य लोगों के लिए न्याय को सुलभ बनाता है।
  3. हाई कोर्ट बार एसोसिएशन: छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट बार एसोसिएशन में लगभग 2400 अधिवक्ता हैं, जो हर दो साल में प्रत्यक्ष मतदान से अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करते हैं। यह अधिवक्ताओं के हितों की रक्षा करता है।
  4. महत्वपूर्ण फैसले: हाई कोर्ट ने कई चर्चित मामलों में फैसले दिए हैं, जैसे:
    • लिव-इन रिलेशनशिप में भरण-पोषण के अधिकार को खारिज करना।
    • पति-पत्नी के बीच अप्राकृतिक यौन संबंध को अपराध न मानना, यदि सहमति हो।
    • निजता के अधिकार को जीवन का महत्वपूर्ण हिस्सा मानते हुए मोबाइल रिकॉर्डिंग को निजता का उल्लंघन बताया।
  5. आरक्षण विवाद: हाई कोर्ट ने हाल ही में नगरीय निकायों के वार्ड परिसीमन पर रोक लगाई और क्वांटिफायबल डाटा आयोग की रिपोर्ट के आधार पर आरक्षण विवाद को सुलझाने में भूमिका निभाई।

सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट न केवल कानूनी मामलों में महत्वपूर्ण है, बल्कि यह सामाजिक और सांस्कृतिक बदलावों को भी प्रभावित करता है। उदाहरण के लिए, इसने लिव-इन रिलेशनशिप और वैवाहिक विवादों जैसे संवेदनशील मुद्दों पर फैसले दिए हैं, जो समाज में नई चर्चा को जन्म देते हैं। इसके अलावा, हाई कोर्ट ने संविदा कर्मियों की नियमित नियुक्ति जैसे मामलों में भी महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं, जो राज्य के कर्मचारियों के लिए राहतकारी हैं।

पर्यावरण और सामुदायिक योगदान

हाई कोर्ट ने ई-वेस्ट और स्क्रैप सामग्री के निपटान के लिए निविदाएँ जारी की हैं, जो पर्यावरण संरक्षण के प्रति इसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। इसके अलावा, यह प्री-सिटिंग मीटिंग्स और सामुदायिक जागरूकता कार्यक्रमों के माध्यम से समाज में कानूनी साक्षरता को बढ़ावा देता है।

भविष्य और चुनौतियाँ

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट का भविष्य उज्ज्वल है, क्योंकि यह डिजिटल तकनीकों और आधुनिक न्यायिक प्रक्रियाओं को अपनाने में अग्रणी है। हालांकि, इसे कुछ चुनौतियों का सामना करना पड़ता है, जैसे:

  • लंबित मामलों की संख्या: हाई कोर्ट में हजारों मामले लंबित हैं, जिन्हें तेजी से निपटाने की जरूरत है।
  • न्यायाधीशों की कमी: स्वीकृत 22 के मुकाबले केवल 14 न्यायाधीश कार्यरत हैं।
  • सामाजिक मुद्दों की जटिलता: आरक्षण, लिव-इन रिलेशनशिप, और वैवाहिक विवाद जैसे मुद्दों पर संतुलित फैसले देना एक चुनौती है।

निष्कर्ष

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट न केवल एक न्यायिक संस्थान है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ के लोगों के लिए न्याय, समानता, और सामाजिक बदलाव का प्रतीक है। इसकी स्थापना से लेकर अब तक, यह राज्य की न्यायिक जरूरतों को पूरा करने के साथ-साथ सामाजिक और सांस्कृतिक बदलावों में भी योगदान दे रहा है। चाहे वह डिजिटल नवाचार हो, पर्यावरण संरक्षण हो, या समाज को दिशा देने वाले फैसले, छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट हर क्षेत्र में अपनी छाप छोड़ रहा है।

CGBIGUL का ONELINK जिसमें आपको सभी जानकारी एक ही पेज में मिल जायेगा।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट: अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की स्थापना कब हुई थी?

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट की स्थापना 1 नवंबर 2000 को हुई थी, जब छत्तीसगढ़ को मध्य प्रदेश से अलग कर एक स्वतंत्र राज्य बनाया गया।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट कहाँ स्थित है?

यह बिलासपुर, छत्तीसगढ़ में स्थित है, जो राज्य का न्यायिक केंद्र है।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में कितने न्यायाधीश होते हैं?

हाई कोर्ट में अधिकतम 22 न्यायाधीश हो सकते हैं, जिनमें 17 स्थायी और 5 अतिरिक्त जज शामिल हैं। वर्तमान में, 14 न्यायाधीश कार्यरत हैं।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के पहले मुख्य न्यायाधीश कौन थे?

न्यायमूर्ति आर.एस. गर्ग छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के पहले कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश थे।

वर्तमान मुख्य न्यायाधीश कौन हैं?

वर्तमान में, न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश हैं।

छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट पर्यावरण के लिए क्या करता है?

हाई कोर्ट ई-वेस्ट और स्क्रैप सामग्री के निपटान के लिए निविदाएँ जारी करता है और पर्यावरण संरक्षण के प्रति अपनी प्रतिबद्धता दिखाता है।

बिलासपुर को हाई कोर्ट के लिए क्यों चुना गया?

बिलासपुर को चुना गया क्योंकि यह भौगोलिक रूप से राज्य के केंद्र में है और परिवहन की अच्छी सुविधाएँ उपलब्ध हैं।

CGPSC, CGvyapam, MPPSC एवं अन्य सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए उपयोगी सामान्य ज्ञान की जानकारी प्रदान की जाती है।

Leave a Comment